शुभ उपयोग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपयोग – Shubha Upayoga. Auspicious and right conduct. दया, दान, पूजा, व्रत, शील आदि रुपराग और चित्त-प्रसाद रूप परिणाम होना शुभोपयोग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपयोग – Shubha Upayoga. Auspicious and right conduct. दया, दान, पूजा, व्रत, शील आदि रुपराग और चित्त-प्रसाद रूप परिणाम होना शुभोपयोग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्तिक पदार्थ–Muurtik Padarth. Tangible matters, which can be touched, tested & felt etc. रूपी पदार्थ जिसमे स्पर्श, रस, गंध, वर्ण गुण पाए जाते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ति–Muurti. Lord idol, An Image. स्थापना निक्षेप से किसी का स्वरुप समझने के लिए उसकी तदाकार मूर्ति बनाना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्तत्त्व–Murtattva. Corporeality, Materiality, Tangibility. मूर्तित्वपना; स्पर्श, रस, गंधादिपना होना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ – Shubha. Auspicious, Prosperous, Lucky, A type of physique making Karma Causing attractive body. मांगलिक, समृद्धशाली, नामकर्म का एक भेद जिसके उदय से शरीर रमणीय होता है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्त–Muurt. Sensually acceptable matters, Corporeal, tangible. जो पदार्थ जीवो के इन्द्रियग्राह्रा विषय है व मूर्त है अथवा रूप, रस आदि गुणों का पिण्ड मूर्त है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुर्छित– Muurchhit. Unconcious one, Beings with delusions & passions. बेहोश, मोही, मिथ्याद्रष्टि जीव , जो देह कुतुम्बादि को अपना माने”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्च्छा–Muurchchha. Unconsciousness, Delusion, Attachment, Worldly, Worldly involvement. बेहोशी, मोह, जैनागमानुसार ‘मूर्च्छा’ परिग्रह या ममत्व भाव है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्च्छन–Murchchhan. A type of birth by spontaneous generation. तीन लोको के ऊपर, नीचे और तिरछे देह का चारो ओर सेग्रहण होना अर्थात चारो ओर से पुद्गलो का ग्रहण करके अवयवो की रचना होना, इसी को संमूर्च्छन जन्म कहते है”