शुद्धोपयोगी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धोपयोगी – Shuddhopayogi. A saint engrossed in pure soul i.e. in absolute meditation. शुद्धोपयोगसहित साधू या वीतराग स्वसंवेदन सहित जीव ” निश्चय रत्नत्रय से युक्त वीतरागी श्रमण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धोपयोगी – Shuddhopayogi. A saint engrossed in pure soul i.e. in absolute meditation. शुद्धोपयोगसहित साधू या वीतराग स्वसंवेदन सहित जीव ” निश्चय रत्नत्रय से युक्त वीतरागी श्रमण “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ख श्रोता–Muurkh Shrota. Stupid listener. See – Muudh Shrota. श्रोता केक प्रकार” देखे– मूढ़ श्रोता”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूत्र–Mutra. Urine, the waste liquid collected in urinary bladder. लघुशंका, पेशाब”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़ श्रोता–Muudh Shrota. A foolish or ignorant listener. आयोग्य मूर्ख श्रोता, जिसेसन्मार्गका उपदेश कोप का कारण बनता है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़शिष्य–Muudhshishya. An ignorance disciple. अज्ञानी, अविवेकी शिष्य जिसे उपदेश देना व्यर्थ होता है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़ता–Muudhta. Ignorance, Stupidity. अज्ञानता, तत्वों के यथार्थ ज्ञान में भड़क कुद्रष्टि” इसकेतीन भेद है – देवमूढ़ता, गुरुमूढ़ता, लोकमूढ़ता”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धोपयोग – Shuddhopayoga. Passionless right conductful inclination. रागद्वेषादि रहित आत्मा के सन्मुख उपयोग, स्वानुभवरुप भाव “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़–Muudh. Ignorant, a stupid person. अज्ञानी, देह को आत्मा मानने वाला, द्रव्य गुण पर्यायों से तत्व की अप्रतिपत्ति होना, सूझबूझ से हीन”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूडबिद्री–Muudbidri. Name of a great Jain pilgrimage situated in Karnataka state. दक्षिण के कर्नाटक देश मेंस्थित एक तीर्थ, यहा रत्नबिम्ब व धवलादि ग्रंथ कनडी लिपि मै है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूक संज्ञा–Muuk Sangya. An infraction of meditative relaxation or posture of meditation. कायोत्सर्ग का एक अतिचार” गूंगे की भाति हुनकर कटे हुए खड़े होना, अंगुली से किसी वस्तु की ओर संकेत करते हए खड़े होना”