वितत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितत – Vitata.: Expanded or extented tone (of musical instrument etc.). एक प्रकार का प्रायोगिक शब्द,सितार आदि के शब्द को वितत कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितत – Vitata.: Expanded or extented tone (of musical instrument etc.). एक प्रकार का प्रायोगिक शब्द,सितार आदि के शब्द को वितत कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितंडा – Vitamdaa.: Refuting the argument of opponent without establishing own truth,Perverse argumentation. सदोष आक्षेप “अपने किसी भी पक्ष की स्थापना किये बिना केवल पर पक्ष का खंडन करना वितंडा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विडौषधि ऋद्धि –Vidaushadhi Riddhi.: A supernatural power-curing the diseases of beings with excreta of saints. जिसके प्रभाव से साधु का मल-मूत्र भी जीवों के रोगों को नष्ट करने में समर्थ होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिष्णु – Vijishnu.: One of the 88 planets(71th). ज्योतिष के 88 ग्रहों में 71वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिगीषु कथा – Vijigiishu Kathaa. Interpretation between 2 parties with arguments in the form of debate. शास्त्रार्थ ,वाद,वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु कथा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजाति – Vijaati.: Unsimilar or different caste. भिन्न प्रकार या असमान जाति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयोदया टीका – Vijayodayaa Tikaa.: Name of a commentary book of ‘Bhagvati Aradgana Granth’ written by Acharya Aparajit. आचार्य अपराजित(ई.श. 7) द्वारा रचित भगवती आराधना ग्रन्थ की विस्तृत संस्कृत टीका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयिल – Vijayila.: Name of the 33rd chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 33वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयार्धगिरि – Vijayaardha Giri.: A great & beautiful silvery mountain in the middle of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र के मध्य स्थित एक रमणीक पर्वत ,यह 25 योजन ऊँचा ,50 योजन चौड़ा और सवा छः योजन गहरा चांदी के सामान है “जम्बूद्वीप में विदेह क्षेत्र सम्बन्धी 32 तथा भरत –ऐरावत क्षेत्र का एक – एक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयार्ध – Vijayaardha.: Name of a great mountain (in Jain philosophy). भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य स्थित एक पर्वत,चक्रवर्ती के विजय-क्षेत्र की आधी सीमा इसी पर्वत से निर्धारित होती है,इसीलिए इसे विजयार्ध कहते है “इस पर विद्याधरों का निवास है “