शुद्ध आहार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध आहार – Shuddha Aahaara. Pure food to be taken by the saints. 9 कोटि से विशुद्ध आहार; जो मुनियों के संयम की रक्षा में कारण होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध आहार – Shuddha Aahaara. Pure food to be taken by the saints. 9 कोटि से विशुद्ध आहार; जो मुनियों के संयम की रक्षा में कारण होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयाभिलाषा – Vishayabhilasha. Intense lust for passions. तृष्णा; सांसारिक सुखदायक पदार्थ कभी भी मेरे से अलग न होवें ऐसी तीव्र अभिलाषा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयाधीन – Vishayadhina. Worldly sensual pleasures, ultimately causing trouble. लौकिक सुख, इन्द्रिय विषयक या इन्द्रियों से उत्पन्न होने वाला सुख जो सुखाभास है तथा जिसका परिणाम दुःखरूप होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयातीत – Vishayatita. Supreme bliss. विषयों की निवृति से उत्पन्न होने वाला सुख अर्थात् संसार के विषयों से अतीत स्वाधीन अव्याबाध सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयसंरक्षणानंद – Vishayasamraksananamda. Intense passionate attachment. एक प्रकार का रौदृ ध्यान, परिग्रह व इन्द्रिय भोग के पदार्थों की रक्षा में मोह करते रहना चौथा रौदृध्यान हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषय विराग – Vishaya Viraga. Renunciation of sensual enjoyments. पाँचों इन्द्रियों के सब शुख की अभिलाषा का त्याग विषय विराग है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयरूचि – Vishayaruchi. Attachment with sensual enjoyment, A lust. इन्द्रिय विषयों के प्रति कामना, इच्छा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयत्याग – Vishayatyaga. Renunciation of sensual enjoyments. भोगाकांक्षा का त्याग करना उसमें रागादि भाव नहीं करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमोचिक – Vishamochika. The wood – soled sandal of Chakravarti (emperor) Bharatesh. चक्रवर्ती भरतेश की पादुकाएं या खंडाऊं का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषमधारा – Vishamadhara. Sequence of odd numbers. १४ धाराओं में एक धारा; १ से लगाकर केवलज्ञान के अंशों तक विषम संख्या की पंक्ति ” जैसे – १, ३, ७ आदि “