विमानवासी देव!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमानवासी देव – Vimanavasi Deva. Celestial beings who live in Vimans of 16 heav-ens. वैमानिक देव, जो विमानों में रहते हैं और अपने को पुण्यशाली समझते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमानवासी देव – Vimanavasi Deva. Celestial beings who live in Vimans of 16 heav-ens. वैमानिक देव, जो विमानों में रहते हैं और अपने को पुण्यशाली समझते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमानपंक्ति व्रत – Vimanapamkti Vrata. A particular vow (fasting) pertaining to the tem-ples in the 63 patal (layers) of heavens. स्वर्गों में कुल ६३ पटल है ” प्रत्येक पटल में एक-एक इंद्रक और उसके चारों दिशाओं मे अनेक श्रेणीबध्द विमान है ” प्रत्येक विमान में जिन चैत्यालय है ” उनके दर्शन की…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्र (स्वर्ग) – Shukra (Svarga). The 9th Kalp (heaven)among all 16. 16 कल्पों में 9वां कल्प या स्वर्ग ” यहाँ के देवों की उत्कृष्ट आयु 16 सागर है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्र (देव) – Shukra (Deva). An Indra of Shukra- Mahashukra heavens. शुक्र – महाशुक्र कल्प युगल का इन्द्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्र – Shukra . Name of the 87th planet, the 9th heaven and the first Indrak (layer) of shukra heaven. 87वां ग्रह, 9वां स्वर्ग, शुक्र स्वर्ग का प्रथम इन्द्रक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्ति – Shukti Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र के शुक्तिमती नदी पर स्थित एक नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुकसम श्रोता – Shukasama shrotaa A kind of listener having less grasping capacity as parrot. तोते के सामान श्रोता अर्थात जो दूसरों के समझाने पर कुछ शब्द मात्र ग्रहण कर पाते हैं ” ये माध्यम श्रोता कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाद-न्याय – Vaad-Nyaaya.: Name of a treatise written by Acharya Kumarnandi. आचार्य कुमारनंदि (ई.- 776) कृत संस्कृत भाषा में न्याय विषयक ग्रन्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाद – Vaad. Debate, Competitive discussion. हार-जीत के अभिप्राय से की गई किसी विषय सम्बन्धी चर्चा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वात्सल्य – Vaatsalya.: Affection,Tender feeling (an auspicious quality). साधर्मी के प्रति निःस्वार्थ प्रेमभाव रखना (सम्यग्दर्शन का एक अंग एवं सोलहकरण भावना की एक भावना )”