वाचनिक आस्रव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचनिक आस्रव– Vaachanika Aasrava.: Karmic influx caused due to auspicious & inauspicious speeches. शुभ-अशुभ वचनों से होने वाला शुभाशुभ कर्मास्रव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचनिक आस्रव– Vaachanika Aasrava.: Karmic influx caused due to auspicious & inauspicious speeches. शुभ-अशुभ वचनों से होने वाला शुभाशुभ कर्मास्रव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचनिक – Vaachanika. Which can be expressed in words. वचनों के द्वारा किया जाने वाला या शब्दों में अभिव्यक्त “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभीषण – Vibhishana. The younger brother of Ravan, who ultimately initiated with Ram Chandra and became a heav-enly deity. रावण का छोटा भाई व रत्नश्रावा का पुत्र ” अंत में राम के साथ दीक्षित हुआ और अनुदिश विमान में देव हुआ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाषा – Vibhasha. Describing of something in different ways (like by presentation, exposition, description etc.). विविध प्रकार के भाषण अर्थात् कथन करने को विभाषा कहते हैं ” विभाषा, प्ररूपणा, निरूपण, व्याख्यान ये सब एकार्थवाची नाम हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव – स्वभाव – Vibhava – Svabhava. Nature contrary to the real nature. कर्मबंध के प्रकरण में रागादि परिणाम भी अशुद्ध निश्चयनय से जीव के स्वभाव कहे जाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचना – Vaachanaa.: Studying, reading & explaining of religious books. स्वाध्याय के 5 भेदों में एक भेद ;निर्दोष ग्रन्थ पढना ,सुनना या योग्य पात्र को सुनाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव शक्ति – Vibhava Sakti. The power causing karmic binding with soul. जीव और कर्मों में परस्पर बंध को कराने वाली चुम्बक द्वारा खिंचने वाली लोहे की सुई के समान विभाव नाम की शक्ति ” वह जीव के ज्ञानादि भावों के विकार का कारण होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव पुद्ग्ल – Vibhava Pudgala. Assimilated particles of any pudgal (matter). पुद्ग्ल द्रव्य की दो भेदों में एक भेद; परमाणु ‘स्वभाव पुद्ग्ल’ और स्कंध ‘विभाव पुद्ग्ल’ हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव द्रव्य पर्याय – Vibhava Dravya Paryaya. Physical existence contrary to real nature. पर द्रव्य के निमित्त से जो प्रदेशत्व गुणों में विकार हो ” जैसे – जीव की नर – नारकादि पर्याय तथा स्कंध रूप पर्याय, पुद्ग्ल द्रव्य की विभाव द्रव्य पर्याय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण व्यंजन पर्याय – Vibhava Guna Vyamjana Paryaya. Sensory knowledge, scriptural knowledge etc. are called as vibhava Guna Vyanjana paryaya of Jivas (souls). मतिज्ञान, श्रुतज्ञान आदि जीव की विभाव गुण व्यंजन पर्यायें हैं “