विभाव गुण पर्याय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण पर्याय – Vibhava Artha Paryaya. See- Vibhava Artha Paryaya. देखें – विभाव अर्थ पर्याय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण पर्याय – Vibhava Artha Paryaya. See- Vibhava Artha Paryaya. देखें – विभाव अर्थ पर्याय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण – Vibhava Guna. Extrinsic qualities, contrary to real nature. जीव के मतिज्ञान आदि ४ ज्ञान एवं पुद्ग्ल के परमाणु द्रव्य के वर्णादि गुण को छोडकर द्रयअणु आदि स्कन्धों के विभाव गुण हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचक शब्द – Vachaka Shabda: Words showing or explaining the meaning. पदार्थ के अर्थ को कहने वाला शब्द या शब्दमय ; शब्द के अनुसार ही अर्थ निकालना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गति – Vibhava Gati. Contrary movement. जीव – पुद्ग्ल की स्वभाव से विपरीत गति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचक-वाच्य संबंध – Vaachaka-Vaachya Sanbandha.: Relation between words & their meanings. शब्द और अर्थ का संबंध “अर्थात शब्द वाचक एवं उसका अर्थ वाच्य कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव क्रिया – Vibhava Kriya . Contrary activity. जीव – पुद्ग्ल द्रव्य की स्वभाव से विपरीत क्रिया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचक –Vachaka.: One well versed in 12 Angas (Shrutgyan-scriptural knowledge),Speaker,Important words. 12 अंग का ज्ञाता वाचक कहलाता है, बोलने वाला (वक्ता ) अथवा महत्वपूर्ण शब्द “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव अर्थपर्याय – Vibhava Arthaparyaya. Delusive feelings in one caused due to some other matters (destruction of qualities of one). पर द्रव्य के निमित्त से जो द्रव्य के गुणों में विकार हो ” जैसे, जीव के राग द्वेष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाङ्मय – Vaandmaya.: Combination of overall grammer,metre& figures of speech. व्याकरण शास्त्र ,छंद शास्त्र और अलंकार शास्त्र इन तीनो के समूह को वाङ्मय कहते हैं “भगवान ऋषभदेव ने अपनी पुत्रिओं –ब्राह्मी ,सुंदरी को इस का अध्ययन कराया था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव – Vibhava. Passionate feelings ( i.e feelings contrary to real nature ) due to the fruition of Karmas. कर्मों के उदय से होने वाले जीव के रागादि भावों को विभाव कहते हैं “