विपाक विचय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाक विचय – Vipaka Vichaya. Contemplation over worldly peculiarities due to the fruition of karmas. धर्मध्यान के ४ भेदों में चौथा भेद; इसमें कर्मों के विपाक से उत्पन्न सांसारिक विचित्रता का चिंतन किया जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाक विचय – Vipaka Vichaya. Contemplation over worldly peculiarities due to the fruition of karmas. धर्मध्यान के ४ भेदों में चौथा भेद; इसमें कर्मों के विपाक से उत्पन्न सांसारिक विचित्रता का चिंतन किया जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाकजा निर्जरा – Vipakaja Nirjara. Destruction of karmas at their appropriate time. सविपाक निर्जरा; क्रम से उदय काल आने पर कर्म का अपना फल देकर झड जाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाक – Vipaka. Fruition of karmas. कर्मों का फल देना अथवा द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव, भाव इन ५ निमित्तों के द्वारा कर्मों का अनेक प्रकार से पाक होना अथवा फल देना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपलांश – Vipalamsha. A kind of time unit. काल का एक प्रमाण, ५४०००० प्रतिविपलांश = विपलांश “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपल – Vipala. A type of time unit. काल का एक प्रमाण ” ६० प्रतिविपल = १ विपल “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपर्यय मिथ्यात्व – Viparyaya Mithyatva. Wrong belief, wrong religious conceptions. सग्रंथ को निर्ग्रन्थ मानना, केवली को कवलाहारी मानना और स्त्री को मोक्ष होता है इत्यादि मानना विपर्यय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपर्यय ज्ञान – Viparyaya Jnana. Wrong knowledge or faith. एक पक्ष का निश्चय करने वाले विपरीत ज्ञान को विपर्यय कहते हैं ” जैसे – सीप में ‘यह चांदी है’ इस प्रकार का ज्ञान होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीताभिनिवेश – Viparitabhinivesha. Wrong faith due to wrong conception. मिथ्यात्व के उदय से उत्पन्न विपरीत ज्ञान या श्रध्दान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत श्रध्दानी – Viparita Sraddhani. One who believes in wrong theory or wrong or wrong re-ligious conceptions. विपरीत मिथ्याद्रष्ट “