मुरजमध्य व्रत!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुमुक्षु–Mumukshu. Those desirous of salvation or liberation. मोक्ष की इच्छा करने वाले भव्य जीव” समयसार में निर्ग्रन्थ दिगंबर मुनिओ को मुमुक्षु कहा है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिसुव्रत पुराण–Munisuvrat Puran. Name of a treatise written by Brahamchari Krishnadas. ब्र.कृष्णदास (ई. 1624) कृत 3025 श्लोक प्रमाण संस्कृत काव्य”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनि लिंग–Muni Ling. A nude saint (having abandonded all worldly attachements). शास्त्र कथित जिनेन्द्र भगवान् जैसा मुनि रूप”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर्यप्रभा – Suryaprabh. Name of the parasol of Chakravarti (emperor) Bharatesh. सूर्य की 4 अग्रदेवियों (पट्ट देवियों) में चैथी देवी, तीर्थकर पुष्पदंतनाथ की दीक्षा षिविका, इसी में बैठकर ये दीक्षा लेने पुष्पक वन गये थे।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिमार्ग–Munimaarg. The prescribed auspicious path for saints. इसके दो भेद है; उत्सर्ग–शुद्धोपयोग रूपपरमवीतरागसयम हो, अपवाद जहा शुद्धोपयोग के बाहरी साधनों का व्यवहार हो या शुभोपयोग रूप सराग सयम हो”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर्यप्रज्ञप्ति – Suryapragyaapti. A part of scriptural knowledge containin description about the Sun (reg. its age, movement, family etc.) अंगश्रुत का एक भेद । दृष्टिवाद के प्रथम भेद परिकर्म में 5 प्रज्ञप्तियों का वर्णन है, उसमे यह दूसरी प्रज्ञप्ति है। इसमें 5 लाख 3 हजार पदो के द्वारा सूर्य की आयु, परिवार, वैभव, गति…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनि भेद–Muni Bhed. Classification of saints. 5 भेद; पुलाक, बकुश, कुशील, निर्ग्रन्थ, स्नातक”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिभद्र–Munibhadra. Name of a Acharya. एक आचार्य (ई. सन1350–1390) जिनके शिष्य ने पर्मात्मप्रकाश ग्रंथ पर कन्नड़ टीका लिखी है”