शरीर सल्लेखना!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर सल्लेखना – Shareera Sallekhanaa. Holly destruction of the body by reducing food taking etc. (an austerity). बाह्य सल्लेखना या कायक्लेश रूप अनुष्ठान करना अर्थात् भोजन आदि त्याग करके शरीर को कृश करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर सल्लेखना – Shareera Sallekhanaa. Holly destruction of the body by reducing food taking etc. (an austerity). बाह्य सल्लेखना या कायक्लेश रूप अनुष्ठान करना अर्थात् भोजन आदि त्याग करके शरीर को कृश करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर वर्गणा – Shareera Varganaa. A type of karmic aggregate. 23 प्रकार की वर्गणाओं में एक वर्गणा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर बकुश – Sahreera Bakusha. A type of saints possessing some faults related to decoration of the body. बकुश साधु के दो भेदों में एक भेद; शरीर को साफ़ सुथरा रखने में जिनका विशेष उपयोग रहता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर बंध – Shareera Bandha. Molecular bondage (formation) of 5 types of body. औदारिक, वैक्रियिक, आहारक तैजस और कार्माण शरीर बंध का होना शरीर बंध है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर प्रणाम जीव – Sharera Sranaama Jeeva. Occupancy of soul-points according to the shape of the body. जीव का संकोच विस्तार स्वभाव होने के कारण कर्म के निमित्त से मिले छोटे-बड़े शरीर की अवगाहना का होकर रहना अर्थात् स्वदेहप्रमाण होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति काल – Sharera Paryaaypti Kaala. Period of the formation of respiratory vitality in the body. शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने पर जब तक श्वासोच्छवास पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक का काल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति – Sharera Paryaaypti. Formation of assential elements of body. पर्याप्ति के छः भेदों में दूसरा भेद, जिन परमाणुओं को खल्रूप परिणमाया था उनको हाड, रस,रुधिर आदि रूप परिणमावने की कारण भूत जीव की शक्ति की पूर्णता को शरीर पर्याप्ति कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर निर्माण क्रम – Shareera Nirmaana Krama. Sequential development of complete body formation. माता के गर्भ में जीव के अंग-उपांग के सम्पूर्ण विकास का क्रम, यह प्रायः 9 माह में पूर्ण होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर निर्मलता – Shareera Nirmalataa. An excellence of the birth of Jaina-Lord (purity of the body). जिनेन्द्रभगवान के शरीर की अतिशयी निर्मलता-भगवान अरहंत के जन्म के 10 अतिशयों में एक अतिशय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर नामकर्म – Shareera Naamkarma. Physique making Karmic nature causing formation of complete body. जिसके उदय से औदारिक आदि शरीर की रचना हो “