साधन साध्य भाव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन साध्य भाव – Saadhana Saadhya Bhaava. Relations related to means and goal. साध्य साधक भाव । व्यवहार सम्यक्त्व साधन या साधक है एवं निष्चय सम्यत्तव साध्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन साध्य भाव – Saadhana Saadhya Bhaava. Relations related to means and goal. साध्य साधक भाव । व्यवहार सम्यक्त्व साधन या साधक है एवं निष्चय सम्यत्तव साध्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन – Saadhana. Means, resource. कार्य आदि के सम्पादन मं नित्तिभूत क्रिया, हेतु, उपाय आदि साधन कहलाते है। मरण समय आहार व मन वचन काय के व्यापार का त्याग करके आत्म शुद्धि करना साधन है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधक श्रावक – Saadhaka Shraavaka. A type of householder (votary) who renounces all the attachments (from body, food etc.) for holy death (samadhi). श्रावक के तीन भेदो मे एक भेद। जो श्रावक जीवन के अंत मे शरीर, आहार आदि से ममत्व छोड़कर आत्म शुद्वि के लिए समाधिमरण की साधना करता है। उत्कृष्ट श्रावक के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादृष्य प्रत्यभिज्ञान – Saadrsya Pratyabhijnnaana. Resemblance, similarity. स्मृति और प्रत्यक्ष के विषय भूत पदार्थों मे सादृश्यता दिखाते हुए जोड़ रुप ज्ञान का होना। जैसे यह गौ गवय के समान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादृश्य – Saadrshya. Resemblance, similarity. एकरुपता, समानता, समान धर्म।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि स्थिति बंध – Saadi Sthiti Bandha. Rebinding of particular karmic duration i.e. rebinding of karmas in reference to Sthiti Bandh. विवक्षित कर्म की स्थिति के बंध का अभाव होकर पुनः उसके बंधने को सादि स्थितिबंध कहते हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि मिथ्यादृष्टि – Saadi Mithyaadrsti. One degraded from the right path. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि बंध – Saadi Bandha. Rebinding of karmas. जिस कर्म प्रकृति के बन्ध का अभाव होकर पुनः बन्ध होता है वह सादिबन्धी प्रकृति कहलाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि नित्य पर्यायार्थिक नय – Saadi Nitya paryaayaarthika Naya. . a standpoint believing the existence of supreme soul. पर्यायार्थिक नय के 6 भेदो मे एक भेद। (परम भाव ग्राहक) शुद्व निश्चयनय को गौण करके, सम्पूर्ण कर्मों के क्षय से उत्पन्न तथा चरम शरीर के आकार रुप पर्याय से परिणत जो शुद्व सिद्व पर्याय है,…