सांपरायिक बंधक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक बंधक – Saamparaayika Bamdhaka. Those bound with passionful influx. प्रथम गुणस्थान से लेकर 10वें गुणस्थान तक के जीव कषाय सहित होने से साम्परायिक बंधक कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक बंधक – Saamparaayika Bamdhaka. Those bound with passionful influx. प्रथम गुणस्थान से लेकर 10वें गुणस्थान तक के जीव कषाय सहित होने से साम्परायिक बंधक कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक आस्त्रव – Saamparaayika Aasrava. Passionful influx. स्वामी की अपेक्षा आस्त्रव के दो भेदो मे एक भेद। कषाय सहित होने वाले आस्त्रव को साम्परायिक आस्त्रव कहते हैं पहले से दसवें गुणस्थान तक सांपरायिक तक सांपरायिक आस्त्रव होता है। इसके 57 भेद है- 5 मिथ्यात्व, 5 अविरति, 15 प्रमाद, 25 कषाय, 7 योग।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक – Saamparaayika. Mundane inflow, passionful influx. कषाय सहित अर्थात् जो कर्म संसार का प्रयोजक है वह साम्परायिक है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांद्र – Saandra. Regular solid, Smooth, Beautiful. नियमित सान्द्र, धन, ठोस, चिकना, मृदु, सुन्दर।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर सिद्व – Saantara Siddha. Beings to be salvated from Santar Gatri. अंतर-विच्छेद सहित होने वाले सिद्व।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर मार्गणा – Saantara Maarganaa. Margana (investigation) with discontinuity or gaps. अंतर सहित मार्गणा। अर्थात् जिनमे अंतर-विच्छेद नही पड़ता उनको निरन्तर मार्गणा और जिनमे विच्छेद पड़ जाता है उनको सांतर मार्गणा कहते है। 14 मार्गणाओ मे 8 सान्तर मार्गणाऐं ै।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर बंधी प्रकृति – Saantara Bandhee Prakrti. A karmic nature with having property of its anhihilation (to put out of existence of one Gati for another). जिस कर्म प्रकृति का काल के क्षय से बन्ध व्युच्छेद संभव है वह सांतरबंधी प्रकृति है। अर्थात् जहां किसी समय देवगति का बंध हो और किसी समय अन्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर निरंतर द्रव्य वर्गणा – Saantara Nitramtara Dravya Varganaa. A type of Karmic aggregates having nature of continuity & discontinuity both. जो वर्गणा अंतर के साथ निरन्तर जाती है, उसकी सांतर-निरन्तर द्रव्य वर्गणा संज्ञा है। यह अग्रहण वर्गणा ही है, क्योकि यह आहार, तैजस, भाषा, मन और कर्म के अयोग्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांख्यदर्शन – Saankhyadarshana. Name of a philiosophy, its founder was Mahrshi Kapil. एक एकांत दर्षन इसके मूूल प्रयोग महर्षि कपिल थे। इस दर्षन के मूल पदार्थ दो है- पुरुष व प्रकृति। पुरुष चेतन तत्तव है और प्रकृति जड़ है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सह्म – Sahya. Name of a mountain situated near Malaygiri. मलयगिरी के समीप मे स्थित एक पर्वत।