प्रबंधनकाल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रबंधनकाल- बंधते अर्थात एकत्व को प्राप्त होते हैं जिसमें उसे प्रबंधन कहते हैं प्रबंधन प्रबन्णन रुप जो काल है ह प्रबन्णनकाल कहलाता है। prabamdhanakala – period of organisation (organising)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रबंधनकाल- बंधते अर्थात एकत्व को प्राप्त होते हैं जिसमें उसे प्रबंधन कहते हैं प्रबंधन प्रबन्णन रुप जो काल है ह प्रबन्णनकाल कहलाता है। prabamdhanakala – period of organisation (organising)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रध्वंसाभाव- 4 अभावों के भेदों में एक भेद; आगामी पर्याय में वर्तमान पर्याय का अभाव प्रध्वंसाभव है। जैसे-दही का घी में आभाव। pradhvamsabhava – a type of lacking, absence of present into future.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रघुम्नचरित्र- आचार्य सोमकीर्ति (ई. 1474) एवं आचार्य सोमाकृति (ई. 1516-1556) द्वारा रचित ग्रंथ। pradyumnacaritra – name of the books written by (1) acharya somkirti, (2) acharya shubhachandra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रघुम्न – कृश्ण के पुत्र का नाम जो गिरनार पर्वत से मोक्ष पधारे। pradyumna – son of lord krishna (who got salvation from girnar mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदोष- ज्ञानावरण दर्षनावरण के आस्त्रव का कारण एक भाव; मन में द्वेश भाव का होना। pradosa – illusive or maliceful mentality
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेशीपना- प्रदेषमय होना। pradesipana – characteristics of occupancy.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेशापचय- प्रदेषें की न्यमनता या ह्नास। pradesapacaya – deterioration of space points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेश बंध- बंधने वाले कर्मो की संख्या। pradesha bamdha – the number of karmic molecules or karma varganas which attach to the soul.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेश परिस्पंद- आत्म प्रदेषें में योगों के माध्यम से हलन चलन होना। pradesa parispamda – vibration in soul spaces