प्लक्षणकूला!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्षणकूला – सिखरी पर्वत के कूट तथा देवी का नाम Plaksanakula- Name of a summit and female deity of shikhari mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्षणकूला – सिखरी पर्वत के कूट तथा देवी का नाम Plaksanakula- Name of a summit and female deity of shikhari mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्ष – पद्पुरण के अनुसारसिताल्नाथ भगवन के दीक्षा वृक्ष का नाम ” महापुराण के अनुसार ये वृक्ष बेल का है ” Plaksa- Name of the initiation tree of lord Sheetalnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बकरा- कुंथुनाथ भगवान का चिन्ह, भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्नों में एक स्पप्न; शुष्क पत्ते खाने वाले बकरों का समूह (जिसका फल आगामी काल में दुराचारी मनुष्यों की उत्पत्ति था)। Bakara- Billy Goat, the significant symbol of lord kunthunath & a dream mark of Bharat Chakravati (an emperor)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सौवीर भुक्ति व्रत -Sauvira Bhukti Vrata. A specified procedural vow (fasting).प्रारम्भ करने के दिन से पहिले एक बार परोसा भोजन करना; अगले दिन उपवास करना । पश्चात एक ग्रास वृद्धि क्रम से एक ग्रास से 10 ग्रास पर्यन्त 10 दिन तक भात व इमली का भोजन करना । पुनः उससे अगले दिन से एक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रोषधोपवास प्रतिमा- देखें- प्रोशध प्रतिमा। Prosadhopvasa pratima- See prosadha pratima
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रोषधोपवास – पर्व (अश्टमी, चतुर्दषी आदि) के दिनों में चारों पगाकर के आहार का त्याग करके धर्म ध्यान में दिन व्यतीत करना। Prosadhopvasa- fasting (on 8th & 14th day etc of each fortnight
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधोत्सरण- उत्कर्षण; स्थिति बंध को बढाकर एक एक अन्ततर्मुहुर्त तक समान बंध करना। Bandhotsarana- Bond progression
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रोषधोवास- पर्व (अश्टमी, चतुर्दषी आदि) के दिनों में चारों पगाकर के आहार का त्याग करके धर्म ध्यान में दिन व्यतीत करना। Prosadhopvasa- fasting (on 8th & 14th day etc of each fortnight
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधु- भई इत्यादि; सांसारिक बंधनों के निमित्तभमत व्यक्ति, ये सुख-दुख दोनों के कारण होते है। Bandhu- Relative or attached one
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रोषध प्रतिमा- श्रावक की 11 प्रतिमा में चौथी प्रतिमा; अश्टमी, चतुर्दषी के दिन शä किे अनुसार प्रोशधेपवास करना। उत्कृश्ट प्रोशध प्रतिमा में सप्तमी और नवमी को एक बार भेजन और अश्टमी को उपवास होता है। मध्यम में तीनों दिन एकाषन किया जाता है तथा जघन्य में अश्टमी को एक बार भोजन होता हैं। Prosadha…