स्वनिंदा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वनिंदा – Svanimmdaa. Self-criticism.आत्म निंदा। उच्च गोत्र के आस्रव का एक कारण।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वनिंदा – Svanimmdaa. Self-criticism.आत्म निंदा। उच्च गोत्र के आस्रव का एक कारण।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य रति – Svadravya Rati. Devotion in one-self.आत्मद्रव्य मे प्रेम य तल्लीनता होना (स्वद्रव्य रति ही सुगति का कारण है)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य – Svadravya. The soul.आत्मद्रव्य अर्थात् अविनाशी, विकार रहित केवलज्ञानमयी आत्मा स्वद्रव्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वदार संतोष – Svadaara Sanntosa. Satisfaction with own wife.अपनी विवाहित स्त्री मे ही संतुष्ट रहना और शेष स्त्रियो के प्रति माता, बहन, पुत्रीवत् निर्मल भाव रखना। इसे ब्रह्मचर्याणुव्रत भी कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतत्त्व – Svatattva. Real nature of the soul.जीव के निज भाव-औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक और पारिणमिक भाव।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतंत्र – Svatammtra. Independent, free, restrictionless.जो पर की अपेक्षा नही करता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतः सिद्व – Svatah Siddha. Self proved or evident.जो स्वभाव से ही सिद्व हो उसे स्वतः सिद्व कहते है अथवा सत् द्रव्य का स्वभाव जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छाहार – Svacchaahaara. Pure food.शुद्व सात्त्विक आहार।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद श्रोता – Svacchammda Ssrotaa. Unworthy or restraintless listeners.कुपात्र श्रोता। स्वच्छंद श्रोताओ को विधा देना संसार और भय को ही बढ़ाने वाला है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद वृत्ति – Svacchammda Vrtti. Restraintless conduct.स्वेच्छानुसार आचरण करना।