सर्प!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्प – Sarpa. A snake a serpent, a significant symbol of lord Parshvanath, The presiding deity of a lunar Ashlesha. भगवान पाश्र्वनाथ का चिन्ह, सातवें नक्षत्र आश्लेषा का अधिपति देवता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्प – Sarpa. A snake a serpent, a significant symbol of lord Parshvanath, The presiding deity of a lunar Ashlesha. भगवान पाश्र्वनाथ का चिन्ह, सातवें नक्षत्र आश्लेषा का अधिपति देवता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्जकषाय – Sarja Kashaaya. Bitter or pungent passions. सर्ज साल नाम के वृक्ष को कहते है। उसके कषैले रस के समान जीव की कषायरूप् परिणति को सर्जकषाय कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरोवर – Sarovara. A water reservoir, A large tank, pond (one of the 16th dreams of Tirthankar’s mother). हृद, तालाब। तीर्थकर की माता के 16 स्वप्नों मे 10 वां स्वप्न इसका फल है- “होने वाला पुत्र अनेक लक्षणें से शोभित होगा”।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरीसृप – Sareesripa. A reptile, crawing beings. पानी मे रहने वाला एक प्रकार का सर्पः एक तिर्यच जीव। इसकी उत्कृष आयु 9 पूर्वाग की है एवं जघन्य आयु अन्तर्मुहूर्त की है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरित – Sarit. A region of western videh (region) & a summit of Sukhavah Vakshar (mountain). अपर विदेह का एक क्षेत्र तथा सुखावह वक्षार का एक कूट।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दृष्टि – Saraaga Samyagdrshti. One having right perception with auspicious attachments. शुद्वात्म भावना से च्युत होकर शुभराग के योग से सहित सराग सम्यग्दृष्टि होते है। इसे व्यवहार सम्यक्तव कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दर्शन – Saraaga Samyagdarshana. Right perception with auspicious attachments. प्रशम, संवेग, अनुकम्पा और आस्तिक्य आदि गुणेां की अभिव्यक्ति लक्षणवाला सराग सम्यग्दर्षन है। प्रश्न (षुभ) राग सहित जीवो का सम्यत्तव सराग सम्यग्दर्शन हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग संयम – Saraaga Sanyama. Self control with slight attachment (reg. Jaina-saints). सातावेदनीय कर्म एवं देवायु के आस्त्रव का एक कारणः राग सहित मुनियो का चारित्र। यह छठे से दसवें गुणस्थान तक होता है। इसे क्षायोपशमिक चारित्र कहते है। जहाॅ संज्वलन कषाय व नोकषाय का यथासंभव उदय होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग श्रमण – Saraaga Shramana. Saints with auspicious attachments. अशुभ राग से रहित, व्रत आदि के शुभ राग से सहित मुनि सराग श्रमण कहलाते है।