भावानुराग!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावानुराग – Bhavanuraga. Emotional attachment with reality. अनुराग के ४ भेड़ों में एक भेद; तत्व श्रध्दान होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावानुराग – Bhavanuraga. Emotional attachment with reality. अनुराग के ४ भेड़ों में एक भेद; तत्व श्रध्दान होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावानंत – Bhavanamta. A kind of infinity. अनंत का एक भेद; यह आगम और नोआगम की अपेक्षा दो प्रकार का है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावागार – Bhavagara. Psychical attachment of something. चारित्र मोहनीय का उदय होने पर जो परिणाम घर से निवृत नहीं है वह भावागार कहा जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्वाध्याय – Bhavasvadhyaya. Rethinking of spiritual contents. स्वाध्याय के द्वारा शुध्द आत्मा को अनुभव में लाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्पर्श – Bhava Sparsa. Sensible touch for any knowledgeable matter. निक्षेप रूप एक भेद; जो स्पर्श प्राभृत का ज्ञाता उसमें उपयुक्त है वह सब भाव स्पर्श है \
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्थिति – Bhava Sthiti. Constant nature. जिसका जो स्वभाव है उससे च्युत न होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्त्री – Bhava Stri. Psychical female one. स्त्री वेद के उदय से पुरुष की अभिलाषा रूप मैथुन संज्ञा का धारक जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्तवन – Bhavastavana. Eulogical praising of Lord Jinendra. जिनेन्द्र भगवान के गुणों का स्मरण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावसेन त्रैविध – Bhavasena Traividya. Name of a famous Acharya, who wrote number of books. मूलसंघ सेनगण के नैयायिक विद्वान आचार्य (ई.श. १३ का मध्य) सिध्दान्तसार, प्रमाप्रमेय, कातंत्र रूपमाला आदि अनेक ग्रंथ रचे “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावसूत्र – Bhavasutra. Ideal formula (of right faith,right knowledge & right conduct) for right path. सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र इन तीन गुणों से निर्मित्त उपासक का वैचारिक सूत्र “