पुण्यायज्ञ क्रिया!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यायज्ञ क्रिया – Punyayajna Kriya. A meritorious act. दिक्षान्वय की ४८ क्रियाओं में से एक क्रिया- साधर्मी पुरुषों के साथ पुण्यवृध्दी के कारणभूत १४ पूर्व विधाओं का सुनना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यायज्ञ क्रिया – Punyayajna Kriya. A meritorious act. दिक्षान्वय की ४८ क्रियाओं में से एक क्रिया- साधर्मी पुरुषों के साथ पुण्यवृध्दी के कारणभूत १४ पूर्व विधाओं का सुनना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यमूर्ति – Punyamurti. Name of the 13th predestined Teerthankar (Jain- Lord). हरिवंशपुराण के अनुसार १३वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम. त्रिलोकसार के अनुसार इनका नाम ‘निष्पापनाथ’ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यफल – Punyaphala. The fruit of meritorious actions. पुण्यकार्यों से प्राप्त होने वाला शुभ फल. अर्हन्त अवस्था को पुण्य का उत्कृष्ट फल जानना चाहिए “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यप्रभ -Punyaprabha. Protecting deity of Kshaudravaradvip (island). क्षौद्रवर द्वीप का रक्षक देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यप्रकृति – Punyaprakrti. Meritorious Karmic nature (are 68 in Jaina philosophy). कर्मों की ६८ प्रकृतियाँ पुण्यरूप हैं, साता वेदनीय, नरकायु के बिना तीन आयु, उच्चगोत्र, मनुष्यदिक्, देवदिक्, पाँच शरीर आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यतिथि – Punyatithi. Death anniversary. मृत्यु दिवस अथवा समाधि दिवस “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यजीव – Punyajiva. Beings having auspicious & noble results of Karmas. सम्यक्त्व, श्रुतज्ञान, व्रतरूप परिणाम तथा कषाय निग्रहरूप गुणों से परिणत आत्मा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यकर्म – Punyakarma. Auspicious consequences of Karmas. वह कर्म जिससे इष्ट पदार्थों की प्राप्ति होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य आस्त्रव – Punya Asrava. Influx of meritorious & auspicious Karmic results. पुण्यकर्म आने योग्य भाव; मन वचन काय की शुभ क्रिया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य (तत्त्व) – Punya (Tattva) Merits, Pious qualities or elements. जीव के दया, दानादि रूप शुभ परिणाम जिससे आत्मा विशुद्ध हो पुण्य कहलाते हैं “