पालकी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालकी – Palaki. Palanquin. एक प्रकार की विशेष सवारी. जिसे मनुष्य लोग कंधे पर रखकर पैदल चलाते हैं. तीर्थंकर भगवान देवों द्वारा लाई गई पालकी में बैठकर दीक्षावन की ओर गमन करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालकी – Palaki. Palanquin. एक प्रकार की विशेष सवारी. जिसे मनुष्य लोग कंधे पर रखकर पैदल चलाते हैं. तीर्थंकर भगवान देवों द्वारा लाई गई पालकी में बैठकर दीक्षावन की ओर गमन करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालंब – Palamba. Name of a great omniscient in the Tirtha of Lord Mahavira. भगवान वीर के तीर्थ में हुए १० अन्तकृतकेवलियों में एक केवली “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रावलि – Bhadravali. The 76th chief disciple of Lord Rishabhadev. तीर्थकर वृषभदेव के ७६ वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वाभ्युदय- Parsvabhyudaya. A book written by Acharya Jinsen-2. आचार्य जिनसेन द्वितीय (ई. ८१८-८७८) कृत एक काव्य ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वस्थ (साधु) – Parsvastha (Sadhu). Saints not observing the duties of a saint life. इंद्रिय, कषाय और विषयों से पराजित होकर चरित्र को तृण के समान समझने वाले मुनि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वशय्यासन तप – Parsvasayyasana Tapa. A type of austerity, to sleep in single posture. कायाक्लेश का एक भेद; किसी एक करवट से सोना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वभाग – Parsvabhaga. Lateral face. निकटवर्ती या बगल का भाग “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रशाल वन – Bhadrasala Vana. The first forest of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत के ४ वनों में प्रथम वन ” जिसकी चारों दिशाओं में चार अकृत्रिम जिनमंदिर हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वपुराण – Parsvapurana. Name of books written by different Acharyas. पद्मकीर्ति (ई. ९४२), वादिराज (ई. १०२५) आदि कई आचार्यो द्वारा रचित इस नामक ग्रंथ हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रवती – Bhadravati. Mother’s name of the 3rd Chakravarti (emperor). तृतीय चक्रवती मघवा की माता का नाम “