”जाति और वर्ण ” आर्यिका श्री सुपार्श्वमती माताजी ( समाधिस्थ ) शास्त्रकारों ने ‘जाति’ शब्द का प्रयोग तीन अर्थों में किया है। एक अर्थ है-नाम कर्म के उदय से होने वाली जाति, जैसे-गतिजातिशरीरांगोपांग…….इत्यादि। इसके पाँच भेद हैं-१. एकेन्द्रिय जाति, २. द्वीन्द्रिय जाति, ३. त्रीन्द्रिय जाति, ४. चतुरिन्द्रिय जाति, ५. पंचेन्द्रिय जाति। इसमें पंचेन्द्रिय जाति की…
खानदान और खानपान शुद्धि का महत्त्व -पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी (उ.प्र.) वन्दे धर्मतीर्थेशं, श्रीपुरुदेवपरम् जिनम्। दानतीर्थेशश्रेयासं चापि शुद्धिप्रदायकम्।। जातिकुलशुद्धिमादाय, अशनपानपवित्रताम्। परमस्थानसंप्राप्ता: विजयन्तु परमेष्ठिन:।।स्वोपक्ष।। मैं धर्मतीर्थ, व्रत तीर्थकर्ता उत्कृष्ट प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान और शुद्धि प्रदायक दानतीर्थेश श्रेयांस को प्रणाम करता हूँ। जिन्होंने जाति, कुल शुद्धि और भोजनपान की शुद्धि प्राप्त कर सप्त परमस्थानों सहित…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांतिसागर – Shantisaagar. Name of the first Digambar Jain Acharya of 20th century , the disciple of Muni Shri Devendrakirti Maharaj. बीसवीं सदी के प्रथम आचार्य-आप दक्षिण देश के भोज ग्राम ( कर्नाटक ) के रहने वाले क्षत्रिय वंशी भीमगौड़ा-सत्यवती के पुत्र थे “आपका जन्म आषाढ़ कृ.6, वि. सं. 1929 ( सन् 1872 )…
प्रथम परिच्छेद पद्यानुवादकर्त्री- श्रीमती त्रिशला जैन (लखनऊ) नम: श्री वर्धमानाय निर्धूत कलिलात्मने । सालोकानां त्रिलोकानां यद्विद्या दर्पणायते ।। १. मंगलाचरण ज्ञानावरणादिक पापकर्म आत्मा से नष्ट किए जिनने। उन वीरप्रभु को नमन करूं सालोक—त्रिलोक ज्ञान जिनके।। जैस चक्षु दर्पण को लख निजमुख अवलोकन करता है। वैसे केवलज्ञानी आत्मा में सारा जगत झलकता है।। जिन्होंने सम्पूर्ण कर्म…
दिन रात्रि के विभाग का क्रम प्रथम गली में सूर्य के रहने पर उस गली की परिधि (३१५०८९ योजन) के १० भाग कीजिये। एक-एक गली में २-२ सूर्य भ्रमण करते हैं। अत: एक सूर्य के गमन सम्बन्धी ५ भाग हुये। उन ५ भागों में से २ भागों में अंधकार (रात्रि) एव ३ भागों में प्रकाश…
शीलधुरंधर सेठ सुदर्शन लेखिका – गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी मुनिराज उस निर्जन वन में एक शिला पर योगमुद्रा में स्थित है । आगम के प्रकाश में अंतःचक्षु के द्वारा वे अपनी आत्मा को देखने का प्रयत्न कर रहे है । ऐसी भयंकर शीत ऋतु में वे नग्न दिगम्बर मुनि धैर्यरूपी कंबल ओढ़ रहे है और…