गति-अगति(गुण प्राप्ति)!
गति-अगति(गुण प्राप्ति) Possibility of virtues in different body forms (Gatis). किस गति से किस गति में उत्पन्न जींव कौन-कौन से गुण उत्पन्न करने योग्य हो सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गति-अगति(गुण प्राप्ति) Possibility of virtues in different body forms (Gatis). किस गति से किस गति में उत्पन्न जींव कौन-कौन से गुण उत्पन्न करने योग्य हो सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गति Movement, motion, Destinity, body form i.e. form of the body (of beings) in which one (soul) exists. चाल, गति नामकर्म के उदय से जो पर्याय हो; नरक, तिर्यंच, मनुष्य व देव ये जीवों की ४ गतियाँ हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गतदेह Bodiless salvated soul (Lord Siddha). अशरीरी सिद्ध भगवान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणी (1) Gandhar (chief disciple of Tirthankar). (2) A knower of 11 Angas (parts of super knowledge). (3) Head of Gana or ascetic group. १) गणधर देव , इसी के अन्यावाची अन्य शब्द गणीश , गणेश , गणपति आदि भी हैं. २) ग्यारह अंग का ज्ञाता .३)साधु संघ का प्रमुख ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणोपग्रहण क्रिया An auspicious activity of providing spiritual knowledge, vows etc. गर्भान्वय की ५३ क्रियाओं में २८ वीं क्रिया; इसमें आचार्य श्रुतार्थियों को श्रुताभ्यास, दीक्षार्थियों को दीक्षा और धर्मार्थियों को धर्मं का ज्ञान देते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणिनी Chief in Aryikas (Digambar Jain female ascetics). There are 24 Ganinis (Chief Aryikas) in all 24 holy assemblies of Tirthankars (Jaina Lords). जैनाचार्यों के सामान ही आर्यिका का एक प्रमुख पद जो शिष्याओं को शिक्षा-दीक्षा देकर आर्यिका संघ का संचालन करती हैं। मुनियों के सामान आर्यिकाओं के भी २८ मूलगुण होते हैं और वे…
गणितसारसंग्रह A book witten by Mahaviracharya. महावीराचार्य (ई.८००-८३०) द्वारा रचित एक गणित विषयक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणितपरिकर्म A kind of Drishtivad Anga containing mathemati-cal contents. १२वें द्रिस्तीवाद अंग का एक भेद, जिसमें गणित के कारण सूत्रों का वर्णन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]