गुणस्थानसार वेद मार्गणासार प्रश्न—वेद किसे कहते हैं ? उत्तर—पुरुषादि के उस रूप परिणाम को या शरीर चिन्ह को वेद कहते हैं। वेदों के दो भेद हैं—भाववेद, द्रव्यवेद। मोहनीय कर्म के अंतर्गत वेद नामक नोकषाय के उदय से जीवों के भाववेद होता है और निर्माण नामकर्म सहित आंगोपांग नामकर्म के उदय से द्रव्यवेद होता है अर्थात्…
उपासक धर्म आद्य जिन श्री ऋषभदेव भगवान् तथा राजा श्रेयांस ये दोनों क्रम से व्रतविधि और दानविधि के आदि प्रवर्तक पुरुष हैं। अणुव्रत और महाव्रत आदि व्रतविधि का प्रचारक इस युग के आदि में सर्वप्रथम भगवान् ऋषभदेव ने किया है। और दानविधि का प्रचार भगवान को आहार दान देकर राजा श्रेयांस ने किया है। इसलिये…