आत्मविकास!
आत्मविकास Self upliftment. आत्मोन्नति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मवाद A doctrine of identity (reg. pervasion of a soul everywhere). एकांत मतों में एक मत जो मानता है कि एक ही परमात्मा रूप शक्ति है जो सर्व व्यापक है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
साधु-जो अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करते हैं, सदा रत्नत्रय के साधन हेतु ध्यान और अध्ययन में लगे रहते हैं, वे साधु परमेष्ठी कहलाते हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीनों ही दिगम्बर वेषधारी मुनि होते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मवश Self-controlled. जो परभाव को त्याग कर निर्भलस्वभाव वाले आत्मा को ध्याता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मवध Suicide. आत्महत्या-स्वयं के द्वारा स्वयं की हत्या करना । जो कि महापाप और दुर्गति का कारण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपाध्याय जिन्हें ग्यारह अंग और चौदह पूर्वों का या उस समय के सभी प्रमुख शास्त्रों का ज्ञान है मुनि संघ में साधुओं को पढ़ाते हें, वे उपाध्याय [[परमेष्ठी]] कहलाते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]] या Preceptor, Scriptural teacher . रत्नत्रय से संयुक्त जिनकथित पदार्थों के शूरवीर उपदेशक और निःकांक्ष भाव सहित ऐसे मुनिराज।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मलीनता Self absorbedness (engrossed in meditation). आत्म स्वरूप में लीन होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मरक्षित Self-protected, A type of special heavenly deities (Laukantik Dev). स्वयं के द्वारा रक्षित, लौकान्तिक देवों का एक भेद जिनकी संख्या 27027 है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मरक्षा Self restraint from karmic bondage. आत्मा को कर्म बंधन से मुक्त कराने वाले संयम का आचरण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]