आठ शुद्धी!
आठ शुद्धी Eight particular kinds of purity related to mind, speech, body, food etc. मन, वचन की शुद्धि, आहार की शुद्धि, ईर्यापथ शुद्धि, व्युत्सर्ग शुद्धि, शयनासन शुद्धि, और विनयशुद्धि ये 8 शुद्धियाँ हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आठ शुद्धी Eight particular kinds of purity related to mind, speech, body, food etc. मन, वचन की शुद्धि, आहार की शुद्धि, ईर्यापथ शुद्धि, व्युत्सर्ग शुद्धि, शयनासन शुद्धि, और विनयशुद्धि ये 8 शुद्धियाँ हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आठर्वी पृथ्वी The 8th earth (Siddhashila). सिद्धशिला ईषत्प्राग्भार-45 लाख योजन विस्तृत पृथ्वी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आटे का मुर्गा Name of a religious novel containing the greatness of non-violence written by Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. गणिनी आर्यिका ज्ञानमति माताजी द्वारा रचित एक धार्मिक उपन्यास। जिसमें राजा यशोधर द्वारा मात्र आटे के मुर्गे की बलि दिये जाने से अनेक जन्मों तक उठाये गये दुःखों का वर्णन है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आचार संपदा Assests like right belief, right knowledge & right conduct. सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान सम्यज्ञचारित्र रूप संपत्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आचाम्ल(आहार) Light food viz.rice & rice water (scum) etc. काँजी सहित केवल भात के आहार को जिसे क्षपक अधिकतर लगातार उपवास में ही लेता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्रव्यतीर्थ Place of pilgrimages. तीर्थंकरों की कल्याणक भूमियाँ, सिद्धक्षेत्र, अतिशयक्षेत्र आदि जिनकी वंदना – अर्चना संसार से तिरने में सहायक होती है। जैसे- अयोध्या, सम्मेदशिखर, कुण्डलपुर आदि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] तीर्थंकरों के पंच कल्याणकों से एवं महापुरुषों के तप- त्याग से पवित्र स्थलों को द्रव्यतीर्थ कहते हैं ।इस द्रव्यतीर्थ को जैन शास्त्रों में तीन भागों में…
दर्शन (षड्) ६ दर्शन; जैन, बौद्ध, नैयायिक, सांख्य, वैशेषिक, वेदांत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] Six philosophies- Jaina, Bauddha, Naiyayika, Sankhya,Vedanta and Vaisheshik. 6 दर्शन जैन, बौद्ध, नैयायिक, सांख्य, वैशेषिक, वेदांत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन (उपयोग) Functional consciousness of conation vision attention. उपयोग का एक भेद , यह पदार्थ को सामान्य, अनाकार (निर्विकल्प) रूप से ग्रहण करता है, इसके चार भेद हैं (चक्षु, अचक्षु, अवधि, केवल)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] उपयोग का एक भेद; यह पदार्थ को सामान्य, अनाकार (निर्विकल्प) रूप से ग्रहण करता है, इसके ४ भेद हैं (चक्षु,…