03.सम्यग्दर्शन के कारण
(२) सम्यग्दर्शन के कारण क्षायिकदृष्टिलब्ध्यै या, सामग्रयार्षे प्ररूपिता। सा मे भूयात्त्वरं देव!, युष्मत्पादप्रसादत:।।१।। क्षायिक सम्यग्दर्शन की प्राप्ति के लिये जो सामग्री आर्षग्रंथों में कही गई है। हे भगवन्! आपके चरण कमल के प्रसाद से वह मुझे शीघ्र ही प्राप्त होेवे। मार्ग और मार्ग का फल ये दो प्रकार ही जिनशासन मेें कहे गए हैं।…