गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का अर्घ्य हर घर, दिल में आप माता रहती हो | आपने तीरथ बना-बनाकर, 108 फीट की मूर्ति प्रकटाकर, ईश्वर को दर्शा दर्शाकर, सम्यक दर्शन है जगाया … हर घर, दिल में आप माता रहती हो ||1|| आपने 400 ग्रंथों को रचा रचाकर, कई ग्रंथों का अनुवाद कर कर, प्रवचन…
आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य कभी ये माता पूजन रचती है,कभी विधान रचती है, कभी भजन रचती है,तो कभी आरती लिखती है, भक्ति में प्रभु के वह,मीठे स्वर में गाती है | कभी ये अध्ययन कराती हैं, कभी श्रावक संस्कार कराती हैं, कभी पंचकल्याणक कराती हैं,तो कभी संबोधन देती हैं, आगम के आलोक में…
लक्ष्मण की मृत्यु – राम का मोह देवों की सभा लगी हुई है। सौधर्म इन्द्र अपने सिंहासन पर आरूढ़ हैं। अर्हंतदेव की भक्ति का उपदेश दे रहे हैं। उपदेश के अनन्तर इन्द्र चिंता निमग्न हो सोच रहे हैं – ‘‘अहो! यहाँ की आयु पूर्ण कर मैं मनुष्य पर्याय कब प्राप्त करूँगा? तप के द्वारा कर्मों…
सीता की अग्नि परीक्षा श्री रामचन्द्र अपने सिंहासन पर आरूढ़ हैं। सुग्रीव, हनुमान, विभीषण आदि आकर नमस्कार कर निवेदन करते हैं – ‘‘प्रभो! सीता अन्य देश में स्थित है उसे यहाँ लाने की आज्ञा दीजिए।’’ रामचन्द्र गर्म निःश्वास लेकर कहते हैं – ‘‘बंधुओं! यद्यपि मैं उसके विशुद्ध शील को जानता हूँ फिर भी लोकापवाद से…