अवध की अनमोल मणि
हम सभी के महान पुण्योदय से जैन समाज को एक ऐसा कोहिनूर हीरा प्राप्त हुआ है जिनके कार्य – कलापों से इस देश का मस्तक गौरव से ऊंचा हुआ है वह महान व्यक्तित्व हैं जैन सामंज की सर्वोच्च साध्वी परम पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी | जिनका जन्म अवध प्रांत के टिकैतनगर ग्राम में लाला श्री छोटेलाल जी की धर्मपत्नी श्रीमती मोहिनीदेवी की पवित्र कुक्षि से हुआ |प्रारंभ से ही दिव्य कार्यों को संपादित करने वाली उस लौहबाला के जन्म से लेकर आज तक का जीवन अलौकिक रहा है उसी अलौकिक व्यक्तित्व का परिचय इस पुस्तक में परम पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने प्रदान किया है जिसको पढकर उनकी महानता का परिज्ञान स्वयमेव हो सकता है |