श्री शांतिनाथ समवसरण व्रत
अनादिकाल से कर्मनिर्जरा हेतु विभिन्न व्रतों को करने की परम्परा चली आ रही है जिससे प्राणी कर्म क्षय के साथ- साथ अनेक मनोरथों की सिद्धि करते देखे जाते हैं |
इस पुस्तक में श्री शांतिनाथ समवसरण व्रत एवं बंध प्रत्यय निवारण व्रत की विधि , पूजा, जाप्य मन्त्र आदि दिए गए हैं तथा शांतिनाथ भगवान की आरती , भजन आदि भी दिया गया है , इन व्रतों को करके आप सब अपने कर्मों को नष्ट कर एक दिन मुक्तिकन्या का वरण करने में सक्षम होवें यही कामना है |