उत्तम त्यागधर्म!
उत्तम त्याग धर्म (गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के प्रवचनांश……..) ग्रन्थों में त्याग के चार भेद किये हैं– आहारदान, औषधिदान, शास्त्रदान और अभयदान। राजा वङ्काजंघ ने रानी श्रीमती के साथ वन में युगल मुनि को आहार दान दिया था जिसके फलस्वरूप वे वृषभ तीर्थंकर हुए हैं तथा उनकी रानी श्रीमती भी उसी…