सारर्द्धद्वव्य द्वीप प्रज्ञप्ति!
सारर्द्धद्वव्य द्वीप प्रज्ञप्ति- Sarddhadvaya Dvipa Prajnapti. Name of a book written by Acharya Amitgati. मधवसेन के शिष्य आचार्य अमितगति द्वारा रचित एक ग्रथ । समय -ई॰ 983.1023 ।
सारर्द्धद्वव्य द्वीप प्रज्ञप्ति- Sarddhadvaya Dvipa Prajnapti. Name of a book written by Acharya Amitgati. मधवसेन के शिष्य आचार्य अमितगति द्वारा रचित एक ग्रथ । समय -ई॰ 983.1023 ।
मिश्र–Mishra. Name of the 3rd Gunsthan, A fault of food and hermitage of saint, mixed or associated one. तीसरे गुणस्थान का नाम, आहार एवं वसतिका का एक दोष, मिला हुआ, संयुक्त, मिलाया हुआ”
मित संभाषण– Mit Smbhashan. Worthful speech, substantial speech. अनर्थक बहुप्रलाप रहित वचन मित है” अर्थात्सीमित, सारगर्भित वचन बोलना”
मासिक धर्म– Masik Dharm. Menstruation (monthly impurity period of a woman). महीने से सम्बन्ध रखने वाली या प्रतिमास होने वाली स्त्रियों की प्राकृतिक अशुद्धि, जिसके कारण उसे पुष्पवती या रजस्वला कहते है”
सारसमुच्चय – Sarasamuccaya. Name of treastise written by Acharya Kulbhadra. आचार्य कुलभद्र (ई॰ 937) द्वारा रचित 328 श्लोकबद्ध एक तत्व प्रतिपादक ग्रथ ।
सावाजी – Savaji. A Marathi Poet, the writer of the tale of sugandh Dasmi. , एक मराठी कवि (ई॰ 1965) , सुगध दशमी कथा के रचयिता ।
मिथ्या अवधिज्ञान– Mithya Avdhigyan. False clairvoyance. कुअवधि या विभंग ज्ञान; जो ज्ञान मिथ्यात्व से सहित होने के कारण विपरीत स्वरुप है”
मित्रवीर्य– Mitrvirya. Name of main listener of Lord Sumatinath. सुमतिनाथ भगवान के मुख्य श्रोता का नाम”
मार्जारसम–Maarjarasam. A type of bad listeners (to be unaffected). श्रोता के 14 भेदो में एक भेद; जो श्रोता बहुत प्रकार से समझाने पर भी बिलाव की तरह अपनी क्रूरता को भी ना छोड़े”