अर्धनाराच संहनन(नामकर्म प्रकृति)!
अर्धनाराच संहनन(नामकर्म प्रकृति) Karmic nature causing osseous structure, half interlocking and pining joints. वह कर्म जसिके उदय से हाडों की संधि अर्धकीलित हो, पूरी कीलित न हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अर्धनाराच संहनन(नामकर्म प्रकृति) Karmic nature causing osseous structure, half interlocking and pining joints. वह कर्म जसिके उदय से हाडों की संधि अर्धकीलित हो, पूरी कीलित न हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अर्हद्दास(कवि) A disciple of ‘Pandit Aashadhar’. पं.आशाधर के शिष्य जिनकी प्त्रधान कृति पुरुदेव चम्पू है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अलक्ष्य Indefinable, Aimless. लक्ष्य विहीन एवं लक्ष्य से रहित होना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अलंकारचिंतामणि A poetic book written by Acarya Ajitsen. आचार्य अजितसेन (ई.सन् १२५०-६०)द्वारा रचित काव्य शिक्षा पर आधारित एक ग्रन्थ । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अवगाढावगाढ Deep pervasion. सम्यग्दर्शन का एक भेद परम अवगाढ़ सम्यग्दर्शन;केवल ज्ञान के द्वारा प्रकाशित जीवादिपदार्थ विषयक ज्ञान से जिनकी आत्मा विशुद्ध है वे परमावगाढ़ रुचि सम्यग्दृष्टि। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अल्पसावद्य कर्मार्य Followers, being less sinful. ऐसे श्रावक,श्राविकाएँ जो विरति व अविरति दोनों रूप से परिणत हों । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अल्पतर संक्रम Less transition of karmas untimely. असमय में कर्मों का कम परिवर्तन होना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अल्हु A poet who has written a book ‘Anuvekkha’. ई.श.१६ के एक अपभ्रंश कवि जिन्होंने अणुवेक्खा नामक कृति की रचना की । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अवक्तव्य Inexpressible, Indescribable, Inexplicable. जिसका कथन न हो सके,जैसे एक पदार्थ में अनेर्क स्वभाव रहते हैं जिनका कथन एक साथ नहीं हो सकता । [[श्रेणी:शब्दकोष]]