सुअंधदहमी कहा!
सुअंधदहमी कहा – Suamdhadahame Kaha. Name of tale written by an Apabhransh poet Udayachandra. अपभ्रंश कवि उदयचन्द्र द्वारा (ई. 1150-1196) रचित सुगंधदशमी व्रत की कथा “
सुअंधदहमी कहा – Suamdhadahame Kaha. Name of tale written by an Apabhransh poet Udayachandra. अपभ्रंश कवि उदयचन्द्र द्वारा (ई. 1150-1196) रचित सुगंधदशमी व्रत की कथा “
सुदर्शन – Sudarshana. Name of the palanquin of Lord Rishabhdev, Name of a Vapi (like large lake) situated in northern Anjangiri of Nandishvar island. तीर्थकर वृषभदेव की पालकी, नंदीश्वर द्वीप सम्बन्धी अंजनगिरि की उत्ततरदिशा स्थित वापी ।
सुदर्शन (चक्र) -Sudarshan (Chakra) A great wheel of Bharat Chakravart. भरत चक्रवर्ती के चक्र का नाम ।
सुखद वायु – Sukhada Vaayu. Pleasant breeze, one of the 34 excellences of Lord Arihant. अर्हंतो के 34 अतिशयों में देवकृत एक अतिशय; कंटक और रेती आदि को दूर करती हुई सुखदायक वायु का चलना ।
सुखकारण व्रत – Sukhakaran Vrat. A particular & Procedural type of vow. किसी भी मास से शुरू कर साढे़ चार मास तक लगातार एक उपवास एवं एक एकासन करना । इसमें कुल उपवास 68 होते है एवं त्रिकाल णमोकर मंत्र का जाप किया जाता है। विशेष विधि व्रत विधान संग्रह में देखें ।
सुगंधदशमी व्रत – Sugandha Dashami \vrata. A type of particular & procedural vow to be observed for ten years. दस वर्षो तक भाद्रपद शु0 10 (सुगंधदशमी) को उपवास तथा शीतलनाथ भगवान के मंत्र का त्रिकाल जाप करना।
सुकौशल चरिउ – Sukoshla Chariu. Name of of an Apabharansh book written by Acharya Shubhkirti. आचार्य शुभकीर्ति कृत श्री सुकौशल मुनि के जीवन से संबंधित अपभ्रंश भाषाबद्ध ग्रंथ ।
सिद्धान्तचिंतामणि टीका – Sindhamta Cintamani Tika. The commentary treatise written by Ganini Aryika Shri \gyanmati Mataji on ‘Shatkhandagam Granth’ in Sanskrit language. गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा षट्खण्डागम ग्रंथ के प्राकृत सूत्रों पर रचित संस्कृत टीका (सन 1995 से प्रारम्भ करके वर्तमान सन् 2004 में 13 वीं पुस्तक की टीका का कार्य पूज्य माताजी…
सीमंतक – Simamntaka. The first Patal (layer) of the first hell. प्रथम नरक का प्रथम पटल । इसकी चारों दिशाओं में 49-49 और प्रत्येक विदिशाओं में 48-48 श्रेणीबद्ध बिल है।