मिथ्याकर्ता–कर्म!
मिथ्या कर्ता–कर्म– Mithya Karta–Karm. A false belief, believeing one as doer of physical Karmas. जीव को पुद्गल कर्मो का कर्ता या परिणमन करने वाला मानना”
मिथ्या कर्ता–कर्म– Mithya Karta–Karm. A false belief, believeing one as doer of physical Karmas. जीव को पुद्गल कर्मो का कर्ता या परिणमन करने वाला मानना”
माल्य– Malya. A city in the north of Vijyaradh mountain, A country of Bharat Kshetra western Arya khand (region). विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर, भरतक्षेत्र पश्चिम आर्यखण्ड का एक देश”
सार्वभौम – Saravhauma. Having to do with the whole world, universal (as Jain religion), Name of a chief interrogator in the assembly of Lord Mallinath. सरे संसार से संबंधित, जैनधर्म सार्वभौम कहलाता है क्योकि इसके सिद्धांत संसार के समस्त प्राणियों के लिए हितकारी है। तीर्थकर मल्लिनाथ के मुख्य श्रोता अर्थात् प्रश्नकर्ता।
सारखी – Sarakhi Like, Similar, equal. समान, सदृश जैसे जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा जिन-सारक्षी अर्थात् साक्षात् जिन के समान ही फल देेने वाली होती है।
सावद्य परिहार – Savadya Parihara. Non-Violence. अहिंसा । प्रयत्नरूप परिणाम के बिना सावद्य परिहार नहीं होता ।
सलवृक्ष – Salavrksa Name of the initiation & omniscience tree of Lord Mahavira. तीर्थकर महावीर का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ।
सामान्य स्वभाव – Samanya Svabhava General nature of matter स्वभाव के दो भेदो मे एक भेद। अस्तित्व, नास्तिक, नित्य, अनित्य, एक, अनेक, भेद, अभेद, भव्य, अभव्य और परम ये 11 सर्वद्रव्यों के सामान्य स्वभाव है।