मलपरिषह!
मल परिषह Mala Parisaha. Affliction from body-dirt of saints. परिषह के 22 भेदों में एक भेद ; स्नान न करने से साधु के शरीर में संचित मैल से उत्पन्न होने वाली बाधा ” इसको समता भाव से सहन करना मल परिषह-जय कहलाता हैं “
मल परिषह Mala Parisaha. Affliction from body-dirt of saints. परिषह के 22 भेदों में एक भेद ; स्नान न करने से साधु के शरीर में संचित मैल से उत्पन्न होने वाली बाधा ” इसको समता भाव से सहन करना मल परिषह-जय कहलाता हैं “
मर्मस्थान Marmasthaana. Vital spots of the body. औदारिक शरीर में 107 मर्मस्थान हैं “
मनःपर्ययज्ञान सिद्ध Manah Paryayagyan Siddha. Those who get salvated by the telepathic knowledge (according to Bhutpragyapan Naya). भूत प्रज्ञापननय की अपेक्षा मनःपर्ययज्ञान से सिद्ध होने वाले जीव के अल्पबहुत्व की अपेक्षा संख्यात गुणे हैं “
मरूभूति-Marubhuuti Past-birth soul of Lord Parshvanath. तीर्थंकर पार्श्वनाथ के पूर्वभव का जीव , कमठ इसका बड़ा भाई था “
भरत भगवान ज्ञषभदेव का पुत्र या भगवान की दीक्षा के समय राज्य और केवलज्ञान के समय चक्र तथा पुत्ररत्न की प्राप्ति, छहखण्ड को जीतकर बाहुबली से युद्ध में हारा क्रोध के वंश भाई पर चक्र चला दिया, परन्तु चक्र उनके पास जाकर ठहर गया षोड्श संस्कार व मन्त्रो आदि का उपदेश दिया आयु को क्षीण…
परिग्रह त्याग Renunciation of possessions. परिग्रह का त्याग करना। श्रावक की 11 प्रतिमाओ मे 9 वी प्रतिमा।
मनःप्रतिक्रमण- Manah Pratikramana Mental repentence for sins. किये हुए अतिचारों का मन से त्याग करना “
परिकर्म शास्त्र A Commentary book written by Acharya kundkund. आचार्य कुन्दकुन्द ई0127-179 द्वारा षट्खण्डागम के प्रथम तीन खंडो पर लिखित एक प्राकृत टीका। जो कि वर्तमान मे उपलब्ध नही है।