मनःपर्ययज्ञान!
मनःपर्ययज्ञान – Manah Paryayagyan Telepathy, Mental knowledge. सम्यग्ज्ञान के पांच भेदो में से एक भेद बिना पूछे किसी के मन की बात को प्रत्यक्ष रूप में जानना “
मनःपर्ययज्ञान – Manah Paryayagyan Telepathy, Mental knowledge. सम्यग्ज्ञान के पांच भेदो में से एक भेद बिना पूछे किसी के मन की बात को प्रत्यक्ष रूप में जानना “
मनःपर्ययज्ञानी – Manah Paryayagyani Those possessing telepathic knowledge. मनःपर्ययज्ञान को धारण करने वाला “
मरणकंडिका – Maranakandikaa Name of a book related to holy death of Jain saints. समाधिमरण सम्बन्धी एक ग्रंथ
मल्लि – Malli Name of the chief disciple of Lord Munisuvratnath. मुनिसुव्रतनाथ भगवान के प्रमुख गणधर का नाम “
मलदोष- Maladosa A fault related to the food of saints (reg, obstacles like bone, hair etc.). आहार का एक अंतराय ; हड्डी , बाल आदि के भेद से 14 प्रकार के मल द्वारा आहार अंतराय होना “
परिग्रह भाव Desire for the accumulation of wealth. धन-धान्यादि के अर्जन करने की इच्छा होना।
ब्रह्मचर्य मैथुन कर्म से सवथा निवृत्त् वर्णी को आत्मतत्व के उपदेष्टा गुरुओं की प्रीतिपूर्वक अधीनता स्वीकार कर ली गयी है अथवा ज्ञान और आत्मा के विषय में स्वतन्त्रता की गयी प्रवृत्ति को ब्रह्मचर्य कहते है। अनुभूत स्त्री का स्मरण न करने से, स्त्री विषयक कथा के सुनने का त्याग करने से और स्त्री से सटकर…
मनःपर्ययज्ञानावरण Manah Paryayagyanavarana Karmas obscurring the telepathic knowledge. ज्ञानावरणीय कर्म के 5 भेदों में एक भेद , जो कर्म मनः पर्ययज्ञान पर आवरण करे “
मरण-Marana Death. मृत्यु; प्राणों का वियोग होना मरण कहलाता हैं यह अनेक प्रकार का होता है “
परिग्रहानंदी रौद्रध्यान Deep involments in the lust of wealth. लोभ के वशीभूत होकर धन धान्यादि परिग्रह के अर्जन और संरक्षण मे दिन रात लगे रहना और इसी मे आनंन्द मानना।