रोम-रोम से निकले माता नाम तुम्हारा!
रोम-रोम से निकले तर्ज—रोम-रोम से निकले…… रोम-रोम से निकले माता नाम तुम्हारा! हाँ नाम तुम्हारा। ऐसा दो वरदान कि पाऊं, निश दिन दर्श तुम्हारा।। रोम……।।टेक.।। ज्ञानमती माता के पद में, जग ने तुमको पाया। एक सूर्य सम पूर्व दिशा ने, मानो तुम्हें उगाया।। फैला दो आलोक ज्ञान का, यही तुम्हारा नारा।। रोम………।।१।। श्री…