आओ रे आओ, खुशियाँ मनाओ, यह है मंगल बेला!
आओ रे आओ तर्ज—माई रे माई…… आओ रे आओ, खुशियाँ मनाओ, यह है मंगल बेला। मेरे घर का, कण-कण पावन, गुरु चरणों से बनेगा। बोलो जय जय जय, बोलो जय जय जय।।टेक.।। बड़े पुण्य से गुरुओं के, आहार का अवसर आता, साधु मुनी आर्यिका को, भक्ती से पड़गाया जाता, चौक बनाकर घर के आगे……….