चलो मन को अन्तर की, यात्रा कराएं!
चलो मन को अन्तर तर्ज—आवाज देकर हमें तुम……………………….. चलो मन को अन्तर की, यात्रा कराएं। भटकते विचारों को, मन से हटाएं।। टेक.।। मेरी आतमा सत्य, शिव सुन्दरम् है। कुसंगति से उसमें, हुआ मति भरम है।। पुरुषार्थ कर, शुद्ध आतम को ध्याएं। भटकते विचारों को, मन से हटाएं।।१।। ये यात्रा वचन…