शारदा व्रत शारदा- सरस्वती की आराधना, उपासना, भक्ति आदि से भव्यजीव समीचीन ज्ञान की वृद्धि करते हुए परम्परा से श्रुतकेवली, केवली पद को प्राप्त करेंगे। यह व्रत ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष में एकम से आषाढ़ कृष्णा एकम तक सोलह दिन करना है। इसी प्रकार आश्विन मास में शुक्ला एकम से कार्तिक कृ. एकम तक पुन:…
भगवान शान्तिनाथ परिचय प्रश्नोत्तरी प्रश्न १—भगवान शान्तिनाथ चौबीस तीर्थंकर में से कौन से नं. के तीर्थंकर हैं ? उत्तर—भगवान शान्तिनाथ वर्तमान चौबीसी में सोलहवें तीर्थंकर हैं। प्रश्न २—वे इस संसार में कौन से नं. के चक्रवर्ती के नाम से प्रसिद्ध हैं ? उत्तर—पाँचवें चक्रवर्ती । प्रश्न ३—उनकी तीसरी पदवी क्या है ? उत्तर—वे कामदेव…
पंचरंगी ध्वज जैनधर्म में पाँच पदों को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इन्हें पंचपरमेष्ठी कहते हैं। ध्वज के पांच रंग ‘‘पंचपरमेष्ठी’’ के प्रतीक हैं। जैन ध्वज पांच रंगों से बना एक ध्वज है, इसके पाँच रंग है-लाल, पीला, सफेद, हरा और नीला/काला सफेद-अरिहंत, शुद्ध आत्माएँ। जिन्होंने केवलज्ञान प्राप्त कर लिया हो। लाल-सिद्ध भगवान, मुक्त…