07. श्रीमते वर्धमानाय, नमो नमित विद्विषे
श्रीमते वर्धमानाय, नमो नमितविद्विषे अमृतर्विषणी टीका भगवान महावीर स्वामी का जीवन परिचय मंगलाचरण सिद्धार्थ—राजकुल—मंडन—वीरनाथ:, जात: सुकुण्डलपुरे त्रिशलाजनन्यां। सिद्धिप्रिय: सकल—भव्यहितंकरो य:, श्री सन्मर्तििवतनुतात् किल सन्मिंत मे।।१।। पुरुरवा भील इस जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के उत्तर किनारे पर ‘पुष्कलावती’ नाम का देश है उसकी ‘पुण्डरीकिणी’ नगरी में एक ‘मधु’ नाम का वन है।…