तीरथ करने चले सभी श्रीक्षेत्र हस्तिनापुरिवर को!
तीर्थंकर प्रभू को केवलज्ञान हो गया तीरथ करने चले सभी श्रीक्षेत्र हस्तिनापुरिवर को। प्रभु के जन्म न्हवन से पावन श्रीसुमेरुगिरि वन्दन को।। टेक.।। जम्बूद्वीप मध्य इक स्वर्णाचल मेरू कहलाता है। सूर्यचन्द्र की प्रदक्षिणा रात्री-दिन भेद कराता है।। जिन बालक के जन्म न्हवन से पावन उस गिरि अनुपम को। प्रभु के जन्म न्हवन से पावन श्रीसुमेरुगिरि…