सार्थक हो जीवन मेरा, पाया जो वरदान है!
सार्थक हो जीवन तर्ज—फूलों सा चेहरा तेरा…… सार्थक हो जीवन मेरा, पाया जो वरदान है। पुण्यकार्य कर सकूँ, भवसमुद्र तर सकूँ, मन में ये अरमान है।। टेक.।। इस तन में है इक चैतन्य आत्मा, उसका ही सारा चमत्कार है। जिस दिन निकल जाय तन से वो आत्मा, रह जाता पुद्गल का संसार है।। नरजनम को…