भोले प्राणी!
भोले प्राणी तर्ज—फिरकी वाली……………………. भोले प्राणी! तेरी दुनिया में, है सब कुछ नश्वर, न कुछ अविनश्वर, शरीर भी न तेरा है। फिर भी सबको तू कहे मेरा मेरा है।। टेक.।। टंकोत्कीर्ण अमूर्तिक केवल, आत्मतत्व है अविनश्वर। उससे जुड़े वचन मन काया, का व्यापार सभी नश्वर।। क्षणभंगुर हैं जीवन के क्षण, मिले नहीं…