श्री सरस्वती स्तुति:
श्री सरस्वती स्तुति: (सप्तविभक्ति समन्वित) सरस्वती जगन्माता, जिनवक्त्राम्बुजा सती। सरस्वती-मुपासन्ते, भक्त्या सर्वे मुनीश्वरा:।।१।। सरस्वत्या भुक्तिं मुक्तिं, प्राप्नुवन्त्यपि भाक्तिका:। सरस्वत्यै नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्य-मनन्तश:।।२।। सरस्वत्या: बुधा: भेद-ज्ञानमप्याप्नुवन्ति च। सरस्वत्या: प्रसादेन, तरन्ति भवसागरम्।।३।। सरस्वत्यां मतिं धृत्वाऽ-हर्निशं स्वात्मचिन्तनम्। सरस्वति! प्रसीद त्वं, मामनुगृह्य पालय।।४।।