39. संस्कार से मानव भगवान बनता है
संस्कार से मानव भगवान बनता है (ज्ञानमती की अमृतवाणी) ॐ नम: सिद्धेभ्य: ॐ नम: सिद्धेभ्य: ॐ नम: सिद्धेभ्य: जैसे पाषाण शिल्पकार के द्वारा संस्कारित होकर भगवान बनता है, मिट्टी कुम्हार से संस्कारित होकर घड़ा, सकोरा, खिलौने आदि के रूप को धारण कर लेती है, लोहा लुहार के द्वारा तपाये जाने पर, कूटे-पीटे जाने पर...