तीर्थंकर जीवन दर्शन
तीर्थंकर जीवन दर्शन
४ जून १९८२ को दिल्ली के लाल किला मैदान से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कर कमलों से एवं पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी के आशीर्वाद से जम्बूद्वीप ज्ञानज्योति प्रवर्तन का शुभारंभ हुआ था | सम्पूर्ण भारतवर्ष में १०४५ दिनों तक इस रथ का भ्रमण हुआ | आवश्यकता को देखते हुए सन् १९८४ ज्ञानज्योति गाइड पुस्तक का सृजन पूज्य माताजी ने किया | इसको पढ़ने से हस्तिनापुर का इतिहास , जम्बूद्वीप रचना का परिचय तथा ज्योति रथ पर दिए गए चित्रों का परिचय प्राप्त होता है |
भगवान बाहुबली का जीवनवृत्त तथा उनकी प्रतिमाओं के निर्माण का इतिहास , विशेषकर कर्नाटक प्रदेश में श्रवणबेलगोला स्थित ५७ फुट ऊँची प्रतिमा के निर्माण का इतिहास इस लघुकाय पुस्तक में नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया है |