अनेकांतवाद और उपयोगिता
आचार्य हरिभद्र का अनेकांतवाद और उपयोगिता -अतुल कुमार प्रसाद सिंह, पाण्डव नगर, दिल्ली-९२ “अनेकांतजयपताका” के रचनाकार आचार्य हरिभद्र का पूरा जीवन विभिन्न दर्शनों के अध्ययन और मनन को समर्पित रहा। उनका जीवन दर्शन भी बहुत ही उच्च कोटि का रहा है। आचार्य हरिभद्र ने लोक कल्याण की भावना से ही अपने सारे साहित्य का सृजन…