कुण्डलपुर यात्रा
वर्तमानकालीन चौबीसी के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने कुण्डलपुर [नालंदा ] बिहार में जन्म लिया और पावापुरी से मोक्षधाम को प्राप्त किया | भगवान महावीर पञ्च बालयतियों में से एक हैं परन्तु कालदोषवश भगवान महावीर के विषय में अनेक भ्रांतियां प्रचलित हो गईं तब बीसवीं -इक्कीसवीं शताब्दी में चा. च. आ. श्री शांतिसागर महाराज के तीन बार दर्शन करने वाले एवं उनकी आज्ञा से उनके प्रथम पट्टशिष्य पूज्य आचार्य श्री वीरसागर महाराज से दीक्षा लेकर प्रथम बाल ब्रम्हचारिणी आर्यिका माता ने अनेक एतिहासिक कार्य करते हुए भगवान महावीर संबंधी मिथ्या धारणाओं के निरसन हेतु भी अनेक महान कार्य किये जिसमें से एक महावीर जन्मभूमी कुण्डलपुर की ओर उनका मंगल विहार और वहाँ भव्य तीर्थ का निर्माण है जो इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ के रूप में युगों-युगों तक जाना जाएगा , उसी पदयात्रा का सजीव चित्रण उनकी शिष्या पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने इस पुस्तक में किया है जिसके द्वारा आप सभी माताजी के अलौकिक कार्यकलापों से परिचित होकर भगवान महावीर के यथार्थ जीवन के बारे में जान सकते हैं }