जैन शास्त्र
जैन शास्त्र भगवान महावीर के उपदेशों को गणधरों ने व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। तीर्थंकर के प्रमुख शिष्यों को गणधर या गणेश कहते हैं। गणधरों के बाद वह ज्ञान स्मृतिज्ञान के बल पर आचार्य परम्परा के द्वारा चलता रहा। जब स्मृति और धारणा में हीनता आने लगी तब आज से बीस-बाईस सौ वर्ष पहले लेखन…