19. अचलमेरु सम्बंधि चौंतिस विजयार्ध जिनालय पूजा
(पूजा नं.19) अचलमेरु सम्बंधि चौंतिस विजयार्ध जिनालय पूजा —अथ स्थापना—नरेन्द्र छंद— अचलमेरु के पूरब पश्चिम, क्षेत्र विदेह बखाने। तिनके बीचन बीच रजतगिरि है बत्तीस प्रमाने।। इसी मेरु के दक्षिण-उत्तर, भरतैरावत जानो। इन दोनोें के बीच रजतगिरि, शोभत हैं दो मानो।।१।। —दोहा— इन चौंतिस विजयार्ध के, चौंतिस श्री जिनधाम। आह्वानन विधि से यहाँ, पूजूँ करूँ प्रणाम।।२।।…